
बिजोलिया ( कपिल विजय )
एटीएम का लाभ सिर्फ रुपए निकालने में ही नहीं है बल्कि इससे कई और सुविधाएं भी मिलती हैं। कई लोगों को एटीएम कार्ड की अन्य सुविधाओं की जानकारी नहीं रहती है। एटीएम कार्ड धारक चाहे वह सार्वजनिक बैंक का हो या फिर प्राइवेट बैंक का हो, कार्ड जारी होने की तिथि से ही उसका दुर्घटना या फिर एक्सीडेंटल हास्पिटीलाइजेशन कवर होता है। इस बीमा की राशि 50 हजार से लेकर 5 लाख तक हो सकती है। इस नियम की जानकारी न तो खाताधारक को होती है और न बैंक इस नियम का प्रचार प्रसार करती हैं। इस नियम का फायदा उठाने के लिए खाते का सक्रिय होना आवश्यक है। बैंक में अकाउंट खुलने के बाद जैसे ही एटीएम आपको मिलता है बीमा पॉलिसी लागू हो जाती है । बैंक की तरफ से बीमा करवाया जाता है । जिससे एटीएम धारक की मौत होने के बाद परिवार को मदद मिल सके। ऐसा ही क्षेत्र के एक शख्स के साथ हुआ है। चाँदजी की खेड़ी निवासी शुभम सोनी पिता सुरेश सोनी की विगत अगस्त माह में भीलवाड़ा में हुई एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी । जिसपर एयू बैंक बिजोलिया के प्रबंधक मनीष धाकड ने फोन पर शुभम के परिजनों को बताया कि उनके बेटे का हमारी शाखा में बचत खाता था। जिसकी मृत्यु दुर्घटना में हो चुकी है। वह एयु बैंक के एटीएम कार्ड से लेन-देन करता था। बैंक के नियमानुसार एटीएम कार्ड जारी होने के बाद खाता धारक का बीमा बैंक द्वारा हो जाता है। जिसकी ज्यादातर खाता धारकों को जानकारी नहीं होती। इसी तरह मृतक शुभम के परिजनों को भी इसकी जानकारी नहीं थी। बैंक प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए शुभम की मृत्यु की सूचना मिलते ही दुर्घटना बीमा क्लेम किया था। जो कि पास होकर आ गया और उनके भाई को बैंक बुलाकर एक लाख रुपए का चेक दिया। क्योंकि यह राशि दुर्घटना बीमा क्लेम में उन्हें नामिनी के तौर पर मिलना थी। वहीं मृतक के भाई महेंद्र सोनी ने प्रबंधक ओर बैंक स्टॉप की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है
5 लाख तक का होता है बीमा
धाकड ने बताया कि यदि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक का एटीएम आपके पास है तो आपका उस बैंक में अपने आप ही दुर्घटना बीमा हो गया है. ये बीमा 25 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का होता है। इस योजना को शुरु हुए कई साल हो गए हैं लेकिन 90-95 फीसदी लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है क्योंकि बैंक कभी खुद ये जानकारी ग्राहकों को नहीं देते। अगर आपके पास किसी एक बैंक में एक ही अकाउंट हो या फिर उस बैंक की दूसरी ब्रांच में भी अकाउंट हो तो भी मुआवजा आपको किसी एक एटीएम पर ही मिलेगा। जिससे पैसे का लेन-देन किया जा रहा हो। मुआवजा देने के पहले बैंक ये देखेंगे कि मौत से पहले पिछले 45 दिन के भीतर उस एटीएम से किसी तरह का वित्तीय लेन-देन हुआ था या नहीं।
दुर्घटना होने पर ब्रांच में 5 माह के भीतर दें जानकारी :
धाकड ने बताया की मुआवजे के लिए आवेदन अगर किसी एटीएम धारक की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्य को 2 महीने से लेकर 5 महीने के भीतर बैंक की उस ब्रांच में जाना होगा जहां उस व्यक्ति का खाता था और वहां पर मुआवजे को लेकर एक एप्लीकेशन देनी होगी। दुर्घटना होने के तुरंत बाद पुलिस को सूचित करें। पुलिस को दुर्घटना की पूरी तरह से जानकारी दें। अस्पताल में भर्ती होने पर सभी मेडिकल रिपोर्ट पेश करनी पड़ती है। अगर दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, मृत्यु प्रमाण पत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस जमा कराना आवश्यक होता है। यह भी सूचित करना आवश्यक होता है कि कार्डधारक द्वारा पिछले 90 दिनों में लेन-देन किया गया है।
नॉमिनी को दी जाती है राशि :
एयु बैंक द्वारा सभी एटीएम कार्ड धारकों का एक लाख रुपए राशि का दुर्घटना बीमा होता है और दुर्घटना में मृत्यु होने पर नामिनी को वह राशि दी जाती है, शुभम के मामले के प्रकरण में भी यही हुआ। इससे पूर्व भी बिजोलिया स्थिति एक दुर्घटना में एक लाख का बैंक द्वारा चेक दिया गया है ।