
भीलवाड़ा-मूलचन्द पेसवानी
गीता जयंती के उपलक्ष में वृंदावन के संत महामंडलेश्वर स्वामी अनंत देव महाराज के मुखारविंद से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में शनिवार से श्रीमद भगवत गीता ज्ञान यज्ञ शुरू हुआ। पहले दिन महामंडलेश्वर स्वामी अनन्तदेव गिरी महाराज ने कहा कि हमारे सनातन धर्म की मुख्य अवधारणा पुनर्जन्म में विश्वास करना है। अपने पूर्व जन्मों के सत्कर्म ही हमे धर्म और भक्ति की ओर प्रेरित करते हैं। गीता का पाठ करना और पढ़ना दोनों में अंतर बताते हुए महाराज ने समझाया कि गीता का पाठ करने के साथ ही उसका अर्थ समझकर अपने जीवन में उतारना चाहिए। श्रीमद्भगवद् गीता की महिमा बहुत विचित्र है, बड़ी ही विलक्षण है। उसके विषय में मैं क्या कहूँ, मेरी वाणी इस विषय के वर्णन में असमर्थ है। हमारे पास कोई ऐसे शब्द नहीं हैं, जिनसे हम गीता की महिमा गा सकें। गीता में इतने भाव भरे हुए हैं कि जिनका कोई पारावार नहीं है। एक मनुष्य जो कि माप और तौल में आता है, उसके भी इतने गहरे भाव होते हैं कि उनका कोई जल्दी अन्त नहीं पा सकता, फिर भगवान की तो बात ही क्या है। हरि अनंत हरि कथा अनंता। भगवान् अनन्त, भगवान के नाम अनन्त, भगवान के तत्त्व अनन्त, भगवान के रहस्य अनन्त, फिर भगवान के भावों का अन्त कैसे आ सकता है।
श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मानसिंहका एवं सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन प्रातःकाल 9.30 से 11 बजे तक महामंडलेश्वर के मुखारविंद से श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रवचन होंगे। 2 दिसंबर को गीता पर अन्तराक्षरी सुबह 10.30 बजे से होगी। 3 दिसंबर को सुबह 8.00 बजे से सस्वर गीता का सामूहिक पाठ महावीर भट्ट एवं सुश्री स्मृति आचार्य व श्रुति आचार्य द्वारा कराया जाएगा। इस गीता पाठ एवं अन्तराक्षरी में पंजीयन के लिए कन्हैयालाल मुंदड़ा, राकेश सिंघल, नवरत्न पारीक से संपर्क किया जा सकता है। अन्तराक्षरी में भाग लेने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है। हर उम्र का व्यक्ति भाग ले सकता है। कार्यक्रम में मंच व्यवस्था की जिम्मेदारी रमेश नवाल, राकेश सिंहल, माइक व्यवस्था की जिम्मेदारी नवरत्न पारीक, स्वागत व्यवस्था की जिम्मेदारी अभिषेक अग्रवाल, पानी व्यवस्था की जिम्मेदारी सुशील शुक्ला, प्रसाद वितरण व्यवस्था की जिम्मेदारी संजीव गुप्ता, प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी गोविंद प्रसाद सोडाणी, सन्त आवास की व्यवस्था की जिम्मेदारी सुशील बिड़ला संभाल रहे है।