
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रीछड़ा में रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरु आचार्यश्री स्वामी श्रीरामदयाल जी महाराज ने शनिवार को भामाशाह द्वारा निर्मित कक्षा कक्ष का उद्घाटन व शहीद भगत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया।
इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए आचार्यश्री स्वामी श्रीरामदयाल जी महाराज ने कहा कि भामाशाह निर्माण के साथ-साथ प्रेरणा व निर्वाण का काम करता है। मकान का निर्माण कोई भी कर लेता है लेकिन स्कूल में कक्षा कक्ष का निर्माण करना एक अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर है। जिसमें बैठकर वर्षों वर्षों तक अध्यापन कार्य कराया जाता है। आचार्यश्री ने अपने उद्दबोधन में कहा की पुण्य करना भी चाहिए व प्रेरणा भी देनी चाहिए,जो प्राप्त हैं वो पर्याप्त हैं। रोटी धर्म से राष्ट्र धर्म सर्वोपरि हैं, राष्ट्र भक्ति राम भक्ति का मार्ग हैं। आचार्य ने देश भक्ति गीत, जोशीले उद्दबोधन से सभी छात्रों व ग्राम वासियों में राष्ट्र प्रेम का जोश भर दिया।
पूर्व संस्था प्रधान एवम जिला साक्षरता अधिकारी डॉ रामेश्वर जीनगर ने भामाशाह सुश्री राजश्री, जयश्री व अंजूश्री सेईवाल का स्वागत अभिनंदन करते हुए उनका व प्रेरक हरीश पंवार का आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर नवग्रह आश्रम रायला के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चैधरी ने कहा कि रीछड़ा स्कूल में ग्रामीणों के सहयोग से जो आज वातावरण बना है उसके लिए सभी बधाई के पात्र है। उन्होंने ग्रामीणों से विद्यालय की गतिविधियों के संचालन में हर प्रकार का सहयोग देने के लिए आगे आने का आव्हान किया।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि जिला शिक्षा अधिकरी योगेश पारीक, उपनिदेशक प्रहलाद पारीक डॉ महावीर कुमार शर्मा डीईओ माध्यमिक मुख्यालय, नवग्रह आश्रम रायला के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चैधरी, डॉ रामेश्वर जीनगर जिला साक्षरता अधिकारी, नरेंद्र शर्मा एडीईओ, विजयपाल वर्मा कोचरिया, सतीश कुमार झंवर कार्यवाहक प्रधानाचार्य, उपसरपंच सहित पीईईओ रीछड़ा के समस्त संस्था प्रधान,शिक्षक,ग्रामवासी एवम छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन भारती झा एवम नीलम सिन्हा ने किया।
रीछड़ा ग्राम का राम स्नेही संप्रदाय से अटूट नाता-
आचार्यश्री स्वामी श्रीरामदयाल जी महाराज ने कार्यक्रम में बताया की रीछड़ा ग्राम का रामस्नेही संप्रदाय से अटूट संबंध हैं। रामस्नेही संप्रदाय रीछड़ा का ऋणी हैं, यहां पर संप्रदाय के जन्मदाता महाप्रभु स्वामी रामचरणजी महाराज का आगमन हुआ था एवम रीछड़ा में उस समय 18 संत बने थे। जिसमें एक ही परिवार से दो जने भी शामिल है।
शहीद भगत सिंह का स्मारक अनूठा- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्रों व ग्राम वासियों के सहयोग से बना शहीद स्मारक अपने आप में अनूठा है। डॉ रामेश्वर जीनगर व हरीश पंवार ने बताया की राजस्थान में किसी भी विद्यालय में इस तरह का स्मारक नही है। इससे छात्रों को प्रेरणा मिलती हैं।