
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
‘मानवाधिकार के आदर्श को प्राप्त करने में जागरूक युवा सहयोगी बन सकते है। यह विचार श्री प्र.सिं.बारहठ राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आयोजित अन्तरर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर प्राचार्य डॉ. पुष्करराज मीणा ने प्रकट किया। डॉ. मीणा ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की भारतीय परम्परा को उद्धृत करते हुए कहा कि केवल मानव मात्र ही नहीं सृष्टि के प्राणिमात्र के अधिकारों की भी रक्षा होनी चाहिए। प्रो. मूलचन्द खटीक ने मानवाधिकार के संरक्षण व सामाजिक समता के लिए जनजागृति को आवश्यक बताया। डॉ. अनिल कुमार श्रोत्रिय ने मानव के अधिकारों के साथ कर्तव्य को भी महŸवपूर्ण बताते हुए कहा कि व्यक्ति यदि अपने कर्तव्य का पालन करे तो मानवाधिकार स्वतः ही संरक्षित हो जाते हैं। प्रो. दिग्विजय सिंह, प्रो. अतुल कुमार जोशी ने मानवाधिकार के इतिहास पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रंजीत जगरिया, डॉ. हंसराज सोनी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. जयकृष्ण त्रिपाठी ने किया। रासेयो प्रभारी प्रो. धर्मनारायण वैष्णव ने सभी का आभार व्यक्त किया।