भीलवाड़ा में बहेगी धर्म की गंगा, श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव 15 से

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भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी सनातन धर्म यात्रा के माध्यम से युवाओं तक श्रीमद् भागवत गीता का संदेश पहुंचाने की मुहिम में जुटे ख्यातनाम कथावाचक श्री संतोष सागर महाराज 15 दिसम्बर से धर्मनगरी भीलवाड़ा में हांेंगे। सनातन धर्म भागवत कथा समिति के तत्वावधान में पूज्य संतोषसागर महाराज के मुखारबिंद से श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का आयोजन 15 से 21 दिसम्बर तक होगा। कथा महोत्सव प्रतिदिन दोपहर 1.30 से शाम 5.30 बजे तक शास्त्रीनगर में सूर्यमहल के पास स्थित जाट भवन में होगा। आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। महोत्सव का आगाज 15 दिसम्बर को सुबह 11 बजे शास्त्रीनगर स्थित नीलकंठ मंदिर से कथा स्थल जाट भवन तक भव्य कलश यात्रा से होगां कलश यात्रा में समाज के हर वर्ग की अधिकाधिक महिलाओं की सहभागिता के लिए प्रयास किए जा रहे है। सनातन धर्म भागवत कथा समिति के अध्यक्ष श्याम चांडक एवं महासचिव शांतिप्रकाश मोहता ने बताया कि महोत्सव के तहत केवल कथावाचन ही नहीं होगा बल्कि प्रतिदिन स्कूल-कॉलेजों में कार्यक्रम कर बच्चों तक श्रीमद् भगवत गीता का संदेश पहुंचाया जाएगा। विद्यार्थियों को श्रीमद् गीता ग्रंथ का वितरण भी किया जाएगा। प्रतिदिन सुबह 7 से 9 बजे तक वैदिक यज्ञ अनुष्ठान होंगे। कार्यक्रम के तहत 17 दिसम्बर रात 8 बजे से सुंदरकाड़ पाठ का आयोजन होगा। इसी तरह 20 दिसम्बर को रात 8 बजे से प्रभु इच्छा तक भजन संध्या में सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां श्री संगीत संस्थान के ख्यातनाम कलाकारों द्वारा दी जाएगी। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के समापन पर हवन एवं पूर्णाहुति 22 दिसम्बर सुबह 9 बजे शास्त्रीनगर स्थित माहेश्वरी भवन में होगी। आयोजन समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य इस कार्यक्रम से समाज के अधिकाधिक वर्गो को जोड़ने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे है।

प्रतिदिन स्कूल-कॉलेज में देंगे गीता संदेश

बच्चों व युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति से अवगत कराने के लिए संकल्पबद्ध संतोषसागर महाराज श्रीमद् भागवत कथा वाचन के साथ प्रतिदिन सनातन धर्म व गीता संदेश के प्रचार के लिए सुबह विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क गीता का वितरण भी किया जाएगा। विद्यार्थियों को इस संकल्प के साथ श्रीमद् भागवत गीता ग्रंथ निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है कि वह नित्य प्रति गीता अध्ययन का अभ्यास रखेेंगे। विद्यार्थियों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वर्षभर में गीता के 700 श्लोक जिंदगी भर के लिए कंठस्थ करेंगे।