
श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में सजाई गोवर्धन धरण की झांकी, लगाया गया छप्पन भोग

भीलवाडा । भगवान कृष्ण से बड़ा कोई क्रांतिकारी नहीं हो सकता है। समाज सुधार की पहल करते हुए रूढ़ियों को समाप्त करने का कार्य भगवान कृष्ण ने किया। जब भी समाज में बदलाव होगा तो विरोध होगा लेकिन अच्छे बदलाव की पहल से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। ये विचार अन्तरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के परम पूज्य संत रामप्रसादजी महाराज (बड़ौदा) ने शुक्रवार को भीलवाड़ा के महेश वाटिका में सोनी परिवार के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव के पाचवें दिन गोवर्धनपूजा प्रसंग का वाचन करते हुए व्यक्त किए। इस मौके छप्पन भोग का आयोजन भी किया गया। छप्पन भोग लगाने के बाद प्रसाद कथाश्रवण करने आए भक्तों में वितरित किया गया। कथा के दौरान भगवान के जयकारे गूंजते रहे। संत रामप्रसाद महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के गोवर्धन पर्वत को धारण करने के प्रसंग का वाचन करते हुए कहा कि ऐसा करके देवराज इन्द्र के अभिमान को नष्ट किया गया। भगवान कृष्ण ने गिरिराज गोवर्धन महाराज की पूजा करने की प्रेरणा प्रदान की। इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाने के कारण भगवान को गिरिराज धरण का नाम भी दिया गया। उनके ऐसा कहते ही पांडाल गिरिराजजी महाराज की जय के उद्घोष से गूंज उठा। इस प्रसंग का वाचन करने के दौरान गोवर्धन पर्वत भगवान कृष्ण द्वारा अंगुली पर धारण करने का प्रदर्शन सजीव झांकी के माध्यम से किया गया। कृष्ण बने बालक ने अंगुली पर गोवर्धन पर्वत की प्रतिकृति को धारण किया तो माहौल कृष्णभक्ति से ओतप्रोत हो गया। कथा के दौरान संत रामप्रसादजी महाराज ने कहा कि जिन कन्याओं के विवाह होने में विलंब हो रहा हो उन्हें श्रीमद भागवत पुराण के दसवें स्कन्ध के 22 अध्याय का प्रतिदिन पठन करना चाहिए इससे शीघ्र विवाह योग बनेगा। कथा में पंचमुखी दरबार के महंत लक्ष्मणदासजी महाराज, रपट के बालाजी के महंत बलरामदासजी, गायत्री मंदिर अहिंसा सर्किल के महंत जयरामदासजी, अयोध्या से आए महंत रामप्यारेदासजी महाराज आदि संतों का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। संतों ने व्यास पीठ को प्रणाम करते हुए उस पर विराजित संत रामप्रसादजी महाराज का अभिनंदन किया। संतों का स्वागत-सत्कार आयोजक सोनी माहेश्वरी परिवार की ओर से किया गया। पंचमुखी दरबार के महंत लक्ष्मणदासजी महाराज ने आशीर्वचन प्रदान करते हुए भीलवाड़ावासियों को भक्ति रस से सराबोर करने वाले इस आयोजन के लिए सोनी परिवार को साधुवाद देते हुए उसके प्रति मंगलभाव व्यक्त किए। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय मार्गदर्शक धर्मनारायणजी भाईसाहब, महेश सेवा समिति के महासचिव राजेन्द्र कचौलिया, उपाध्यक्ष कृष्णगोपाल जागेटिया, ओमप्रकाश मालू, केदार जागेटिया, दिलीप तोषनीवाल, भीलवाड़ा जिला माहेश्वरी सभा उपाध्यक्ष ओमप्रकाश गट्यिानी आदि ने भी व्यास पीठ पर विराजित संत रामप्रसाद महाराज की अभिनंदन कर आशीर्वाद लिया। पांचवें दिन की कथा के अंत में पूज्य संत रामप्रसादजी महाराज के सानिध्य में व्यास पीठ की आरती करने वालों में सोनी परिवार के रमेशचन्द्र, अशोक, दिनेश सोनी, कुशाग्र सोनी के साथ उनके परिजन, सत्यनारायण दुदानी, रामपाल लाठी, डॉ रमेशचन्द्र असावा, अशोक शर्मा मुंबई, संयोजक शिव नुवाल, अनिल न्याति, रमेश राठी, विजयलक्ष्मी समदानी, दीपक समदानी, अमित काबरा, रामचन्द्र मूंदड़ा आदि भी शामिल थे। संचालन डॉ. कमलाकांत शर्मा ने किया।
कथा में शनिवार को होगा रूक्मणी विवाह प्रसंग का वाचन
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तहत शनिवार दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक महेश वाटिका में कथा वाचन होगा। इस दौरान रूक्मणी विवाह प्रसंग का वाचन होगा। कथा महोत्सव के तहत शनिवार शाम 7.30 बजे से सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी कथास्थल पर ही होगा। सुंदरकांड पाठ बालाजी सत्संग मंडल भीलवाड़ा द्वारा किया जाएगा। अंतिम दिवस 18 दिसम्बर को सुबह 9.30 से दोपहर 12.30 बजे तक कथावाचन होने के साथ महाआरती होगी। कथा समापन पर महाप्रसाद का आयोजन भी होगा।