भीलवाड़ा में राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में देश के विभिन्न प्रांतों से आए विद्यार्थियों के मुख से गूंजे देशभक्ति के तराने

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युवाओं को सनातन संस्कृति व संस्कृत भाषा का ज्ञान जरूरी- संतोष सागर महाराज


भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी

भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत की ओर से भीलवाड़ा के महाराणा प्रताप सभागार में राष्ट्रीय स्तरीय संस्कृत समूह गान प्रतियोगिता का शुभारंभ शनिवार को समारोह पूर्वक हुआ।
कथावाचक पूज्य संतोष सागर महाराज ने भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता समारोह में कहा की जिस उद्देश्य परिषद का ये समूहगान कार्यक्रम आयोजित हुआ है वही उद्देश्य इस संकल्प यात्रा का भी है। उन्होंने कहा में भगवान का सन्देश रूपी गीत हर युवा तक पहुंचाना चाहता हूं। गीता गीत है और ये गीत भगवान कृष्ण ने अपने सखा अर्जुन को तब सुनाया जब वे अवसाद में थे महाभारत के युद्ध में निराश हताश हो गए तब भगवान ने उनका आत्म बल बढ़ाया। दुनिया की सबसे बड़ी मनोचिकित्सक किताब है गीता जिसको राजस्थान के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। महाराज श्री ने उपस्थित सभी अतिथियों व सज्जनों को गीता रूपी उपहार प्रदान किया। महाराज श्री ने कहा भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद जी के जीवन मूल्यों पर चलने वाली ऐसी संस्था है जो सेवा संस्कार व समर्पण से कार्य कर रही है। आज जरूरी है युवाओं को हमारी सनातन संस्कृति व संस्कृत भाषा का ज्ञान हो तभी भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा। सनातन धर्म प्रचार यात्रा संयोजक शिवकुमार तिवाड़ी ने यात्रा के उद्देश्यों व अब तक के कार्यों पर जानकारी दी। कार्यक्रम में राम कुमार बाहेती,राधेश्याम सोमानी,भेरूदान करवा,दिनेश राठी, रेणु सोमानी सन्तोषसागर महाराज के साथ रहे। संस्थान ने महाराज श्री का शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
कार्यक्रम संयोजक कैलाश अजमेरा व सहसंयोजक अरूण बाहेती ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान अपनी धरती अपना अंबर अपना हिंदुस्तान, सूरज बदले चंदा बदले बदले सारा हिंदुस्तान, राष्ट्र की जय चेतना का गान वंदे मातरम, भारत मां की संतान हम शीश झुकाना जाने क्या, भारत वंदे मातरम जय भारत वंदे मातरम आदि सामूहिक गीतों पर दर्शक रोमांचित हो उठे। लोक कलाओं का विशेष संगम देखने को मिला।
महासचिव गोविन्द अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्रीय भाषा में अखिल भारतीय लोकगीत में देश के विभिन्न स्थानों से आई टीमों ने पंजाबी, हरियाणवी, अवधी, मेवाड़ी, लगुरिया, राजस्थानी, मराठी, तमिल में अद्भुत पोशाकों में शानदार पेशकश दी।
उद्घाटन समारोह में उत्तर पश्चिम रीजनल के अध्यक्ष डीडी शर्मा ने कहा कि संस्कार स्तंभ में 10 लाख बालक-बालिकाओं को विद्यालय के माध्यम से गीत समूह गान देश भक्ति भाव के लिए तैयार किया गया। संत संतोष सागर ने भारत विकास परिषद की सराहना करते हुए कहा कि देशभक्ति का यह अनूठा आयोजन भारत विकास परिषद कर रही है इससे देश भक्ति माहौल बन रहा है।
मिडिया प्रभारी महेश जाजू ने बताया कि 9 रीजनल की टीमों ने 27 बार प्रस्तुति दी। रांची, सिरसा, सवाई माधोपुर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, उत्तराखंड, ग्वालियर ऐसी अपने अपने क्षेत्र की रही प्रथम टीमें थी जिन्होंने यह अखिल भारतीय स्तर पर आयोजन प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता के प्रारंभ में ध्वजारोहण राष्ट्रीय संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल के सानिध्य में हुआ।
इस मौके पर राष्ट्रीय चेयरमैन संस्कार संतोष गुप्ता, समूह गान प्रतियोगिता प्रांतीय अध्यक्ष पारसमल बोहरा, अध्यक्ष डॉ एस एन मोदानी, संयोजक कैलाश अजमेरा, सह संयोजक अरुण बाहेती, सुमित जागेटिया मौजूद रहे। प्रतियोगिता का समापन रविवार सुबह 10.15 बजे होगा। इस दौरान पुरस्कार वितरण किया जाएगा। मुख्य अतिथि भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्री अर्जुन मेघवाल होगें। अध्यक्षता भारत विकास परिषद राष्ट्रीय वित्त सचिव महेश बाबू गुप्ता करेगें। परिषद के संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल, सांसद सुभाष चंद्र बहेड़िया एवं पर्यावरणविद एवं समाजसेवी त्रिलोक छाबड़ा भी इस अवसर पर मौजूद रहेगें।