केन्द्रीय संस्कृति मंत्री ने जताया जी-20 देशों के इवेंट में गीता भेंट करने का संकल्प

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भीलवाड़ा में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के मंच से संकल्प किया

भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी
केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संकल्प लिया है कि भारत के जी-20 की अध्यक्षता संभालने के दौरान देश में जो भी कार्यक्रम(इवेंट) होंगे उनमें आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को श्रीमद् भागवत गीता भेंट की जाएगी। ये संकल्प मंत्री मेघवाल ने रविवार शाम भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर स्थित जाट भवन में सनातन धर्म भागवत कथा समिति द्वारा पूज्य संत संतोषसागर महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के दौरान व्यास पीठ से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद लिया। व्यास पीठ पर विराजित संतोषसागर महाराज ने उन्हें श्रीमद भागवत गीता ही भेंट की। मेघवाल ने कहा कि वर्ष 2023 में जी-20 की भारत द्वारा अध्यक्षता के दौरान विभिन्न कार्यक्रम होंगे। संस्कृति मंत्रालय को चार कार्यक्रमों की जिम्मेदारी मिली है। इन कार्यक्रमों में जी-20 में शामिल 43 देशों के मंत्री, अधिकारी व प्रतिनिधि शामिल होंगे उन्हें गीता भेंट की जाएगी। मेघवाल ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता का सही अर्थों में संदेश पूरे संसार में फैले इसलिए संस्कृति मंत्रालय गीता का विभिन्न विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी करा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी विदेश में जिस राष्ट्राध्यक्ष से मिलते है उन्हें भागवत गीता ही भेंट करते है। उन्होंने कहा कि पूज्य संतोषसागर महाराज गीता संदेश का प्रचार कर मंत्रालय का ही कार्य कर रहे है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का आयोजन समिति के अध्यक्ष श्याम चांडक, महासचिव शांतिप्रकाश मोहता सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्वागत किया। इस मौके पर सांसद सुभाष बहेड़िया, भाजपा जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दामोदर अग्रवाल का भी स्वागत किया गया एवं व्यास पीठ से गीता भेंट की गई।

मंत्रीजी ने गाया भजन पायों जी मैने रामरतन धन पायों

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके मंत्री मेघवाल ने मंच से भक्तिमति मीरा का भजन भी पेश किया। उन्होंने मीरा का मशहूर भजन पायों जी मैने रामरतनधन पायों पेश किया तो श्रद्धालु खुशी का इजहार करने लगे। उन्होंने कहा कि मीरा ने जो रामरतन धन की परिभाषा दी है वह कोई नहीं दे पाया है। जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहों या राम। उन्होंने संतोषसागर महाराज को नमन करते हुए कहा कि व्यास पीठ पर विराजना साधना का सर्वोच्च शिखर है।