शाहपुरा में वेणीचंद महाराज की पुण्यतिथि मनायी गयी

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शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी

घोर तपस्वी उग्र अभीग्रह धारी पूज्य गुरुदेव वेणीचंद महाराज की 114 पुण्य तिथि नवकार मंत्र एवं चंद्रभान कमला के नंद वेणी गुरुवर करो आनंद का जाप शाहपुरा में वेणी मोहन गुरुधाम पर शाहपुरा अंटाली, पारसोली ,नीमच ,कदवासा ,कनेरा, बेगू , भीलवाड़ा , जाट ग्राम आदि स्थानों से पधारे श्रावक श्राविका द्वारा कर श्रद्धांजलि दी गई। गुणगान किए गए।
वेणी चंद महाराज अपने फैसले के पक्के, आध्यात्मिक साधना में तल्लीन, उच्च कोटि के साधक, उनकी देह का भी ध्यान नहीं रहता,अंतर में करुणा का सागर लहराता था, शुद्ध भिक्षा से जीने वाले, महाव्रत धारी 29 वर्ष छाछ का पानी पीकर जीवन को तप की अग्नि में तपा कर शुद्ध कंचन किया। जब पार्थिव शरीर अग्नि को समर्पित किया तब अग्नि ने भी उनका चोल पट्टा अपने पास नहीं रख कर उपस्थित जन समुदाय को लौटा दिया। पूर्व संचित अशुभ कर्मों की निर्जरा तप से होती है। यही उनके जीवन का लक्ष्य रहा। जो भी अभीग्रह लेते वह पत्र में लिखकर ओगे की डंडी पर बांध देते थे अभीग्रह पूर्ण होने पर पर्ची बताकर गोचरी लेते थे।
सभा में संपत राज मेहता अंटाली, देवेंद्र सिंह बुलिया ने विचार व्यक्त किए। गुणगान किए। प्रभावना संपत राज मेहता अंटाली एवं भोपालसिंह सुराणा नीमच वालों की तरफ से वितरित की गई। आतिथ्य लाभ प्रकाश चंद लोढा, देवेंद्र सिंह बुलिया, महेंद्रसिंह लोढा ने लिया।