
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
सरोवर यज्ञ शाला शाहपुरा मे स्वामी दयानन्द के शिष्य, शुद्धि आंदोलन, दलित उद्दार आंदोलन, गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली के प्रणेता, स्वतंत्रता सेनानी, तपोनिष्ठ सन्यासी, अमरहुतात्मा स्वामी श्रदानंद का 96वा बलिदान दिवस मनाया गया। यज्ञ मे वेद मंत्रो द्वारा आहुतियाँ लगा कर श्रदांजलि अर्पित की गई।
आर्य समाज शाहपुरा के पूर्व मंत्री सत्यनारायण तोलम्बिया ने स्वामी जी के जीवन के बारे मे बताया कि स्वामी जी पहले और अंतिम व्यक्ति थे जिन्होने दिल्ली की जामा मस्जिद की मिम्बर से वेद मंत्र द्वारा अपना भाषण प्रारम्भ किया। मिस्टर मोहन दास करम चंद गाँधी को (महात्मा गाँधी )के नाम से पहली बार सम्बोधित किया। 30मार्च 1919मे रोलेक्ट एक्ट के विरोध मे चाँदनी चैक दिल्ली मे होने वाले प्रदर्शन का नेतृत्व किया एवं अंग्रेजो की पुलिस की संगीनो के आगे अपना सीना टिका दिया और पुलिस को भी पीछे हटना पड़ा। इन्होने गुरुकुल कांगडी विश्व विद्यालय हरिद्वार की स्थापना की. इन्होने लाखों विधर्मी मलखानो को शुद्धि कर वापिस हिन्दू धर्म मे घर वापसी करवाई। इससे आक्रोषित होकर एक मतांध विधर्मी युवक ने 23दिसम्बर 1926को दिल्ली मे कायरता पूर्वक इनकी हत्या करदी। कार्यक्रम मे शाहपुरा के अमर शहीद केसरी सिंह बारहट परिवार के शहीदों को भी कन्हैया लाल आर्य, सत्य नारायण तोलम्बिया, राधेश्याम अग्रवाल, देवेन्द्र सर्वा, शांति लाल लखोटिया, गोपाल राजगुरु द्वारा श्रदांजलि अर्पित की गई।