
भीलवाड़ा मूलचन्द पेसवानी
श्रीमद जगतगुरू श्री रामानुजाचार्य, लोहागल, श्री सूर्य पीठाधीश्वर महंत स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज, आज बडनगर, मध्यप्रदेश जाते समय भीलवाड़ा, हाथीभाटा आश्रम पर रुके और महंत संतदास जी महाराज एवं भीलवाड़ा वासियों को सूर्य सप्तमी, 28 जनवरी, शनिवार पर आयोजित महोत्सव कार्यक्रम पर लोहागर्ल तीर्थक्षेत्र पर आने का सबको निमंत्रण दिया !
लोहार्गल तीर्थक्षेत्र सूर्य पीठाधीश्वर महंत स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज ने जानकारी देते बताया की ब्रह्मांड का यह प्राचीन तीर्थक्षेत्र है, पांडवो ने यही के कुंड अपने हथियार डाले जो पानी में गल गए, इसी तीर्थ में भगवान सूर्यदेव का सहपत्नी का प्राचीन मंदिर है, लोहार्गल तीर्थ स्थान पर ही खंडेलवाल ब्रह्मण, खंडेलवाल वैश्य, माहेश्वरी समाज और मीणा समाज की उत्पत्ति भी हुई, हाथी भाटा आश्रम के महंत संत दास जी विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त समाजिक समरसता अभियान प्रमुख बद्री लाल सोमणी, भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष और पार्षद मधु शर्मा, पवन जोशी, कैलाश शर्मा मंगलपुरा,अखिल भारतीय गुर्जर गोड ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय मंत्री प्रभाकर चतुर्वेदी, राधेश्याम जाट, करणी सेना के दसरथ सिंह, माहेश्वरी समाज के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर ईनाणी, सूनीलभाई, चांदी बाई, गोपाल सोमानी, सत्य नारायण श्रोत्रिय, शिवप्रसाद शर्मा सहित कई भक्त जन उपस्थित थे।भीलवाड़ा आगमन पर महंत संतदास जी महाराज के सान्निध्य में शॉल औढाकर, माल्यार्पण सभी भक्तों ने किया. लोहार्गल तीर्थ क्षेत्र में 26 जनवरी से तीन दिवसीय कार्यक्रम चलेगा, रामानुज संप्रदाय की प्रधान पीठ भी यहीं पर है, इसी पीठ के सानिध्य में सारे कार्यक्रम के आयोजन होंगे!