
शाहपुरा-इस आधुनिक समय में रामकथा के विकल्पों पर भी विचार विमर्श करने का समय है जिनके माध्यम से मानवीय मूल्यों को मनुष्य जीवन में फिर से प्रतिस्थापित किया जा सके । अगर उन तमाम विकल्पों पर हम विचार विमर्श करते हैं तो रामकथा उन जीवन मूल्यों के पुनर प्रतिस्थापन का एक बेहतर विकल्प नजर आता है। यह बात रामकथा वाचक पं. गौरव व्यास ने पत्रकारवार्ता में कहते हुए आधुनिक युग में रामकथा का क्या महत्व है बताया।
माहेश्वरी पंचायत भवन में झंवर परिवार द्वारा आयोजित रामकथा के पांचवें दिन कथा के दौरान राम अपने भाइयों सहित गुरु विश्वामित्र के साथ मिथला में होरहे सीता स्वयंबर में भाग लेने पहुंचने के संवाद को सजीव झांकी के रूप में दर्शाया।