
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा कस्बे के माहेश्वरी पंचायत भवन में राधेश्याम झंवर परिवार की ओर से आयोजित सात दिवसीय राम कथा ज्ञान महायज्ञ का समापन भगवान राम के राजतिलक संवाद के साथ हुआ। कथावाचक प. गौरव व्यास ने शुक्रवार को कथा के अंतिम दिवस राम द्वारा रावण वध एवं प्रभु राम के अयोध्या के राजसिंहासन पर आरूढ़ होने का सुंदर वर्णन किया।
आयोजक केदार, प्रदीप झंवर ने बताया की राम कथा ज्ञान महायज्ञ के समापन समारोह में कहा कि भगवान राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए। यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है। उन्होंने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाई तथा एक मानक स्थापित किया। प्रभु राम के नाम मात्र से रावण जैसे अत्याचारी का अंत हो जाता है और अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के रावण का अंत करें, स्वतरू प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। कथा महाज्ञान यज्ञ में काफी संख्या में पहुंचे भक्त कथा से सराबोर होते रहे।
राजसिंहासन की सजाई झांकी- कथा के समापन पर भगवान राम के राजतिलक की सजीव झांकी सजाई गई। अंत मे व्यासपीठ के साथ भगवान राम की आरती उतारी गई। भक्तों में प्रसाद वितरण हुआ।
सांसद बहेड़िया ने की कथा श्रवण- इस मौके पर सांसद सुभाष बहेड़िया ने भी कथा समापन में कथा श्रवण की। राधेश्याम, सूर्यप्रकाश, चंद्र प्रकाश, प्रहलाद, सुंदर लाल विनोद राजेन्द्र केदार,प्रदीप, विजय, दीपक नितिन झंवर पवन सुरेश झंवर सहित द्वारका प्रसाद हरि प्रसाद गोपाल जगदिश प्रसाद सत्यनारायण महावीर हनुमान मुंदड़ा उपस्थित थे।