
भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी
भीलवाड़ा जिले के श्री नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने भूटान की राजधानी थिम्पू में स्थित परम्परागत औषधी संग्रहालय (सोरिंग म्यूजियम) का विजिट किया।
उन्होंने बताया कि भूटान के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेडिशनल मेडिकल सर्विसेज व खेसर ग्याल्पो विश्वविद्यालय द्वारा संचालित संग्रहालय में इसी हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली दुलर्भ प्रजातियों की वनस्पती की सूखी हुई पत्तियां, उनके बीज व उनकी जड़ों के साथ-साथ उनके चूर्ण आदि रखा गया है।
उन्होंने बताया कि भूटान की राजकीय फार्मेसी में बनाई जाने वाली औषधियां काफी गुणवत्तापूर्ण है। इसी सिद्धांत पर श्री नवग्रह आश्रम भी एक संग्रहालय का निर्माण करेगा जो आयुर्वेद जगत के लिए अत्यंत लाभप्रद होगा।
भारत में परंपरागत चिकित्सा पद्धति को विकसित करने की बात कहते हुए कहा कि भूटान में परंपरागत चिकित्सा पद्धति एवं हेल्थ बुद्धा को एक साथ लेकर चिकित्सा कर्म किया जा रहा है। मेडिसिन बुद्धा परंपरागत आयुर्वेद का ही एक हिस्सा है। यहां की परंपरागत चिकित्सा पद्धति थ्री रूट्स ऑफ हेल्थ के सिद्धांत पर है, जिसमें पहले रुट में रोग के कारण का पता लगाया जाता है, दूसरे रुट में रोग की पहचान की जाती है और तीसरे रूट में रोग का उपचार किया जाता है।
उन्होंने थिंपू में पंचकर्म के क्लीनिक और आयुर्वेदिक हॉस्पिटल का भी विजिट किया। वनस्पति के बारे में जानकारी प्राप्त कर ट्रेडिशनल मेडिसिनल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी को भी देखा।
भूटान की तरह भारत में भी तंबाकू पर होना चाहिए पूर्ण प्रतिबंध
वैद्य हंसराज चौधरी ने थिंपू विजिट के बाद कहा कि भूटान में कहीं पर भी तंबाकू का प्रचार-प्रसार नहीं दिखा, तंबाकू का विज्ञापन करना यहां कानूनी अपराध है। साथ ही तंबाकू की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाती है। ऐसे में यहां न तंबाकू के प्रोडक्ट नजर आते हैं और ना ही तंबाकू के विज्ञापन नजर आते है। भारत को कैंसर मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार को भी तंबाकू पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के साथ तंबाकू के विज्ञापन पूर्ण रोक लगाते हुए अवमानना करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।