मनुष्य शरीर साधना का मन्दिर है, इसमें प्रभु के पास जाने का रास्ता है, पंकज महाराज

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गंगापुर, मूलचन्द पेसवानी

जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा से संस्थाध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज के सानिध्य में निकली शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा आज तह. गंगापुर के गांव सहाड़ा पहुंची। स्थानीय भाईयों, बहनों, बच्चे-बच्चियों ने पुष्प वर्षा व कलश यात्रा निकाल कर यात्रा का स्वागत किया। आज यहां आयोजित सत्संग सभा में अपने सम्बोधन में पूज्य पंकज जी महाराज ने कहा कि मनुश्य षरीर साधना का मन्दिर है, इसमें प्रभु के पास जाने का रास्ता है। इसीलिये इसका इतना महत्व है। हिन्दू महात्माओं ने इसे नर-नारायणी षरीर कहा, मुसलमान फकीरों ने इसे कुदरती काबा कहा और ईसा मसीह साहब ने तो इसे जिन्दा प्रभु परमात्मा का घर कहा। यह असली हरि मन्दिर है वह प्रभु जब भी मिलेगा तो इसी मन्दिर में मिलेगा। ‘‘मोको कहॉ ढूढे बन्दे, मैं तो तेरे पास में। ना तीरथ में, ना मूरत में, मैं तो हूँ विष्वास में।।’’ को उद्धृत करते हुये कहा यही सभी महात्माओं की वाणी है। सारी आत्मायें षब्द पर उतार कर लाई गई। एक षब्द वो है जो वर्णात्मक है, दूसरा ध्वनात्मक है। जब पूरे सन्त सद्गुरु मिल जायेंगे तो नाम भेद का रहस्य बता देंगे। इस कलयुग में महात्माओं ने साधना के तीन ही रास्ते बताये हैं पहला सुमिरन- इसमें नाम का मौन जाप, दूसरा ध्यान जिसमें दोनों ऑखों को बन्द करके ध्यान करना होता है और तीसरा भजन- ऑख व कान को बन्द करके ऊपर से आ रही देववाणी, आकाषवाणी को सुनने को कहते है। यही जीवन का सार है, इसीलिये यह मनुश्य षरीर मिला है। यदि सन्त-सतगुरु न मिले तो जीवन बेकार चला जायेगा। इसलिये सबको अपने आत्मकल्याण की चिन्ता करनी चाहिये।
उन्होंने समाज में बढ़ती हुई हिंसा-अपराध पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा ये नयी-नयी बीमारियों का कारण अषुद्ध खानपान, खेती में कीटनाषकों और रासायनिक खादों का प्रयोग है। जैसे मेलंे में बच्चा जब तक पिता की ऊंगली पकड़े रहता है वह मेले के सामानों को देखकर खुष होता है। लेकिन ऊंगली छूट जाने पर मेले के वहीं सामान उसको सुख नहीं देते है। वह रोता हुआ घूमता रहता है। इसी प्रकार संसार के सामानों से सुख तब तक मिलेगा, जब तक हम अपने गुरू की ऊंगली पकड़े रहेगे। सन्त पंकज जी ने कहा अभी अपने गुनाहों की भगवान के सामने माफी मांगने का समय है। आप सभी से हाथ जोड़कर अपील है कि मांस, मछली, अण्डा, षराबों का खाना पीना छोड़कर जीवन को सात्विक बनायें। अन्यथा भारी संकट में फंसकर खाई और खन्दक में जा गिरेंगे। सभी दुःख भगवान के भजन से जायंेगे।
आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आगरा-दिल्ली बाई पास स्थित जयगुरुदेव मंदिर मथुरा में पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ का 75वां वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला आयोजित होगा। आप से अपील है कि समय निकालकर पावन पर्व पर जयगुरुदेव आश्रम मथुरा पधारें। दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करे। शांति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
इस अवसर पर राजस्थान संगत के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘भोपा जी’, घनश्याम , उदय लाल स्वर्णकार, दीपक स्वर्णकार, हरक चन्द सोनी, भगवती लाल सोनी, रामचन्द्र सालवी सरपंच, भवर लाल जाट, कन्हैया लाल, सुनील गर्ग, मदन गाडरी, नारायण लाल प्रजापति, गोपाल माली, किशन सालवी आदि उपस्थित रहे। अगला सत्संग कार्यक्रम तह. आसीन्द के ग्रामखातोला मे कल 28 को सायं 3.30 बजे से आयोजित है। जिला प्रवक्ता अनिल कुमार सोनी ने सत्संग में भाग लेने की अपील की है।