बिजोलिया में प्रशासन की नाक के नीचे दिन रात चारागाह में चल रहा है अतिक्रमण , प्रशासन बना मुक़दर्शक , हाईकोर्ट के आदेशों की हो रही अवहेलना

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बिजोलिया ( कपिल विजय ) : क़स्बे में चरागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के पूर्व में दिए गए हाईकोर्ट के आदेश हवा हो गए है । प्रभावशाली अतिक्रमी तहसील कार्यालय और उपखंड कार्यालय के पीछे स्थित चारागाह भूमि में बीते 3 दिन से रात-दिन काम चलाकर भूखंड काट चारदिवारी कर रहे है , इसके बावजूद क्षेत्र की चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राजस्व विभाग एवं पंचायत प्रशासन सख्त रवैया नहीं अपना रहा है। वहीं चारागाह भूमि पर किए जा रहे अवैध अतिक्रमण पर रोक नहीं लगने से प्रशासन की नाक के नीचे ही अतिक्रमी बैख़ोफ़ अतिक्रमण को अंजाम दे रहे है । चारागाह में अतिक्रमण से क़स्बे के मवेशियों के विचरण के लिए जगह नहीं बची है। कस्बे के पास स्थित हजारों बीघा चारागाह भूमि पर कभी घने पेड़ थे। भू माफियाओं ने इन पेड़ों को काटकर यहाँ अधिकार जमा लिया है । कई जगह तो भूमाफ़िया चारागाह भूमि पर कब्जा कर प्लानिंग काट कर लाखों रुपए की कमाई करने की जुगत में लगे है । इसके बावजूद प्रशासन भू-माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है ।

चारागाह में पंचायत के चहेते और जनप्रतिनिधि कर रहे है अतिक्रमण

वही जानकारी में सामने आया है की चारागाह में बैख़ोफ़ किए जा रहे अतिक्रमण में ग्राम पंचायत के चहेते , क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं सरकारी शिक्षक शामिल है । क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर मवेशियों के विचरण के लिए सुरक्षित करने की मांग की है। विदित रहे कि पूर्व में भी क्षेत्रवासीयो द्वारा हाईकोर्ट में की गई शिकायत पर 2004 में हाईकोर्ट के आदेश पर चारागाह से अतिक्रमण हटाया गया था लेकिन अब फिर से अतिक्रमी आदेशों की अवहेलना कर रात दिन एक कर अतिक्रमण करने लगे है ।

ये है नियम

चारागाह की भूमि पर अगर कोई अतिक्रमण करता है और उस पर निर्माण करता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के नियमों में प्रावधान है। राजस्व भू अधिनियम 1958 की धारा 91 में बेदखली की कार्रवाई संबंधित तहसीलदार द्वारा की जाती है। बेदखली के साथ 50 गुना शास्ती का प्रावधान है और इसके बाद भी जारी रहने पर 3 माह की सिविल कारावास की सजा दी जा सकती है।

अगर अधिकारी कार्यवाही नहीं करे तो विभागीय कार्यवाही होगी प्रारंभ :