भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) विदुषी साध्वी प्रिती सुधा ने अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे सैकड़ों श्रध्दांलूओ को धर्म उपदेश देतें हुए कहा कि इंद्रियां मनुष्य को अपना दास बनाती हैं, जो व्यक्ति अपने इंद्रियों पर विजय पा लेता है वह संसार को भी जीत सकता है। ये इंद्रिया व्यक्ति को आलसी बनाती हैं उसे अपना आसक्त बना लेती है. व्यक्ति इंद्रियों के बस में आकर उनकी ही पूर्ति करने के लिए गलत मार्ग को अख्तियार करके अपना पतन कर लेता है। वह समझ ही नहीं पाता है कि सही क्या है और गलत क्या है। जब तक मनुष्य के समझ में आता है तब तक उसका समय निकल चुका होता है. तब व्यक्ति के पास हाथ मलने के अलावा कोई उसके पास दूसरा चारा नहीं बचता है। इन इंद्रियों को वश में करना आसान काम नहीं है लेकिन मनुष्य ज्ञान और अध्यात्म का सहारा लेकर इन्द्रियों की शक्ति को पहचान सकता और इन इन्द्रियों को अपने वशीभूत कर सकता है। वह तभी संभव हो सकता है जब मनुष्य अपनी बुद्धि और विवेक का सभी से ढ़ग इस्तेमाल करे तो अपनी इन्द्रियों को काबू मे कर लेगा। साध्वी मधुसुधा ने कहा कि इन्द्रिया आत्मा का उध्दार भी करवा सकती है और मनुष्य के जीवन का पतन करवा सकती है। इसदौरान अहिंसा भवन के आध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल,अशोक पोखरना,हेमन्त आंचलिया,सुशील चपलोत,शांतिलाल कांकरिया, जसंवतसिंह डागलिया,कूशलसिंह बूलिया,सरदार सिंह कावड़िया,राजेन्द्र चीपड़ रिखबचंद पीपाड़ा आदि सभी पदाधिकारियों ने धर्मसभा मे पधारे अतिथीयो को शोल माला पहनाकर अभिनन्दन किया।