मंदिर में लड्डू गोपाल के झूला दर्शन जारी, जलझूलनी एकादशी पर भरेगा तीन दिवसीय मेला
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से नौगांवा में संचालित माधव गोशाला परिसर के सांवलिया सेठ मंदिर में सावन माह में भगवान के नित नए श्रृंगार किए जा रहे हैं। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि भगवान सांवलिया सेठ को चंद्रमा पर विराजित कर भव्य श्रृंगार किया गया। बुधवार को चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की खुशी में श्रावण मास शुक्ल पक्ष अष्टमी गुरुवार को सुबह से ही प्रभु सांवलिया सेठ चांद पर विराजमान बांसुरी बजाते दर्शन देते हुए दिखाई दिए। उनके नयनाभिराम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। सावन माह में मंदिर परिसर में लगे लड्डू गोपाल के झूला दर्शन भी श्रद्धालुओं ने किए। मंदिर में सावन मास के चलते आए दिन भजन कीर्तन भी हो रहे हैं जिन पर श्रद्धालु झूम रहे हैं। महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। सावन मास के चलते मंदिर में भक्तों के आने का क्रम सुबह से शाम तक जारी रहता है। श्रद्धालु दर्शन के साथ ही माधव गौशाला का भ्रमण कर कल्पवृक्ष एवं गो नन्दी की परिक्रमा लगाकर मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं। संस्थान के सहसचिव मदनलाल धाकड़ व मंदिर व्यवस्था सह प्रबंधन प्रमुख भंवरलाल दरगड़ ने बताया कि मंदिर में 25 सितंबर को जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवसीय मेला भरेगा ऐसी योजना तैयार की जा रही है गौरतलब है कि धर्म नगरी भीलवाड़ा में 17 किलोमीटर दूर माधव गोशाला जहाँ पर गो परिक्रमा का विशेष स्थान के साथ गोबर गैस प्लांट व साथ में गायों के मध्य सांवरिया सेठ और वहाँ पर नित नए भारत के सभी तीर्थों के स्वरूप दर्शन पोशाक धारण करा के पुजारी दीपक पाराशर की तन्मयता से श्रृंगार हो रहा है। यहां अब तक तिरुपति बालाजी से लेकर द्वारिकाधीश, रणछोड़ नृसिंह अवतार, मत्स्यावतार, गणेश , धनुषधारी राम, राधा रानी, श्रीनाथ जी इस प्रकार के स्वरूप धराए जा चुके हैं। गौ सेवा के साथ ही नक्षत्र वाटिका, सघन वन का भी श्रद्धालु भ्रमण कर रहे हैं।