भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) पयूर्षण महापर्व के प्रथम दिवस महासती प्रितीसुधा ने पयूर्षण पर्व मे तप त्याग और धर्म आराधना करने वाले सैकड़ों श्रध्दांलूओ को धर्म उपदेश प्रदान करते हुए कहा कि पर्युषण आत्म जागरण का संदेश देता है और हमारी सोई हुई आत्मा को जाग्रत करके आत्मा पर कर्म रूपी मैल को हटाता है। विश्व अनेक त्योहार और पर्व मनाएं जाते है लेकिन आत्मा की शुध्दी का एक इकलौता पर्व है पर्वाधिराज पयूर्षण पर्व जिससे कर्मो की निर्जरा करके काया को निर्मल और आत्मा को श्रेष्ठ बनाने का मार्ग प्राप्त करके मनुष्य अपने मानव भव सफल बना सकता है और इस आत्मा को मोक्ष गति दिलवा सकता है जब तक हमारे सम्पूर्ण कर्म क्षय नही हो जाते है तब तक हमारी यह आत्मा शुध्द और पवित्र नही बन सकती है।साध्वी संयम सुधा ने अतंगडदशा सूत्र का वांचना करतें हुए कहा कि परमात्मा की वाणी में राग द्वेष नहीं होता है वितराग वाणी हमारे अंतर आत्मा को जाग्रत करती है,और हमे समस्त दुखों से छुटाकारा दिलाने एवं हमारी आत्मा पर जमे मैल को हटाने का सदमार्ग बताती है। अहिसा भवन के मुख्य मार्ग दर्शक अशोक पोखरना संघ अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल ने जानकारी देते हुए बताया कि पयूर्षण पर्व के प्रथम दिवस पर शहर अनेक उपनगरों के गणमान्य श्रावकों मे मीठ्ठालाल सिंघवी,नवरतनमल बम्ब, राजेन्द्र चीपड़,सुशील चपलोत,प्रवीण कोठारी आदि अतिर्थीयो के साथ अहिंसा भवन के हेमन्त आंचलिया रिखबचंद पीपाड़ा,अशोक गुगलिया, सरदार सिंह कावड़िया,जसवंत सिंह डागलिया, अशोक चपलोत चांदमल टुकलिया, हिम्मतसिंह बाफना,शांतिलाल कांकरिया,रतनलाल कोठारी आदि पदाधिकारियों के साथ महिमा मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल, रजनी सिंघवी,सुनीता झामड़,मंजू बापना , उमा आँचलिया, संजूलता बाबेल, वनिता बाबेल, अंजना सिसोदिया,एकता बाबेल , अंजना छाजेड ,लाड़ जी मेहता,अनीता चौधरी,अन्नू बापना,लता कोठारी आदि की उपस्थिति रही। निलिष्का जैन बताया कि इस दौरान धर्मसभा मे सभी श्रध्दांलूओ को सुभाषचन्द, महावीर कुमार,ललित कुमार बाबेल की ओर प्रभावना प्रदान की गई । सैकड़ों भाई और बहनों ने साध्वी प्रितीसुधा से एक उपवास के प्रत्याख्यान लिए थे। धर्म सभा के पूर्व प्रातःकाल अंखड नवकार महामंत्र प्रारंभ किया गया तथा दोपहर को.धार्मिक प्रतियोगिता रखी गई।