भाविप आजाद शाखा ने वेदों की सूक्तियां से कराया इंग्लिश मीडियम वाले बालकों को परिचित

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संस्कृति सप्ताह के छठवें दिन शहर के विभिन्न विद्यालयों में धार्मिक प्रश्नोत्तरी का किया आयोजन

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) भारत विकास परिषद आजाद शाखा द्वारा आयोजित किया जा रहे संस्कृति सप्ताह के छठवें दिन शहर के विभिन्न विद्यालयों में वैदिक मंत्रों के उच्चारण एवं धार्मिक ग्रंथो की सूक्तियों पर आधारित प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। मीडिया प्रभारी किरण सेठी एवं संस्कृत सप्ताह प्रभारी कल्पना सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि भीलवाड़ा शहर के साथ विद्यालयों में एक साथ एक समय पर संस्कार दिवस के अंतर्गत धार्मिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया इसमें शाखा की विभिन्न टीमों ने अलग-अलग विद्यालय में जाकर बालकों में संस्कृत भाषा की वैदिक सूक्तियों के प्रति जिज्ञासा जागृत कर उनके बाल मन को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया। सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित दुख भवेत इस तरह की सूक्तियां को पूर्व में पत्रक द्वारा विद्यालयों में सूत्र अर्थ एवं भावार्थ उपलब्ध करवाए गए इनके आधार पर आज प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। उत्तर देने वाले सभी विद्यार्थियों को परिषद की ओर से उपहार दिए गए एवं सभी विद्यालयों में वंदे मातरम गीत लिखी हुई फ्रेम भी भेंट स्वरूप प्रदान की गई। विभिन्न विद्यालयों में जाने वाले परिषद कार्यकर्ताओं में सचिव पंकज मिश्रा, अजय कोठारी, अमित सोनी, मोहित जैन, अरुण बाहेती, राजकुमार काबरा, कैलाश आचार्य, मोहित पगारिया, कुंज बिहारी चांडक, महिला प्रमुख संगीता जागेटिया, रिंकू सोमानी, अनामिका खंडेलवाल, शिल्पा मुछाल, सविता सोनी, निशा बाहेती, मीनू सोमानी, अंकिता तुरकिया, जागृति चैधरी, विजयलक्ष्मी समदानी, आशा काबरा, रेखा चांडक आदि ने बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ इस प्रतियोगिता को संपादित करवाया। अपने आप में अनूठी इस प्रतियोगिता के प्रति बालको और विद्यालय के शिक्षकों में बड़ी प्रसन्नता देखी गई और उन्होंने कहा कि यदि इसी प्रकार बालकों में वैदिक सूत्रों के प्रति जागृति उत्पन्न हुई तो वह दिन दूर नहीं जब भारत पुनः विश्व गुरु होगा।