महिलाओं ने ऋषि पंचमी का व्रत रखकर की पूजा, सुनी कथा

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बिना हल के जुते हुए अन्न का सेवन करती है महिलाएं आज

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) शहर सहित जिले भर में बुधवार को ऋषि पंचमी पर्व को लेकर महिलाओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना कर ऋषियों के प्रति कृतज्ञता के लिए व्रत उपवास रखा। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार यह व्रत जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है। शहर के मंदिरों में सुबह से ही ऋषि पंचमी को लेकर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। कांता आगाल ने बताया कि महिलाओं ने भाद्र माह की पंचमी को ऋषि पंचमी का त्यौहार मनाते हुए सप्त ऋषियों की पुजा की। इस दौरान महिलाओं ने सुबह दूब पर सफेद कपड़ा लपेट कर सात ऋषि बनाए। मोरधन, पंचामृत, दूध, दही, फलों से पूजा की। महिलाओं ने कहानी सुनने के बाद बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया। मोरधन की खिचड़ी खीर से व्रत खोला। ऋषि पंचमी का उद्यापन किया। संजय काॅलोनी निवासी प्रेम देवी ने बताया कि महिलाएं बिना हल के जुते हुए अन्न तथा भैंस का दही एवं करमी का साग खाकर व्रत तोड़ती हैं। कथा सुनने में सज्जन सोमानी, ललिता पोरवाल, मंजू सोनी, राजकुमारी पाराशर, लीला माली, मधु टेलर, गोटू वैष्णव, मंजू लढा, कौशल्या देवी, मीना सोनी सहित कई क्षेत्रिय महिलाएं उपस्थित थी।