
भीलवाड़ा-मूलचन्द पेसवानी
मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त वाटरमेन ऑफ इंडिया राजेंद्र सिंह 3 जनवरी मंगलवार को प्रातः 9‘15 बजे भीलवाड़ा में प्राचीन गांधी सागर तालाब एवं नेहरू तलाई की दुर्दशा का अवलोकन करेंगे।
पर्यावरणविद बाबूलाल जाजू ने बताया कि एनजीटी भोपाल के कड़े निर्देशों के बावजूद मल मूत्र वाले नालों का पानी दोनों झीलों में भरा पड़ा है। जिसके कारण आसपास के एरिया में सड़ांध आ रही है। इन झीलों में प्रवासी पक्षियों का आना भी लगभग बंद हो गया है। दोनों झीलों में शहर का कचरा, पॉलिथीन, डिस्पोजल, मृत जानवर एवं गंदगी जमा पड़ी है। दोनों तालाबों की भूमि भी नियम विरुद्ध आवंटन किए जाने से तालाबों का क्षेत्रफल कम होकर उनका मूल स्वरूप पूरी तरह से बिगड़ चुका है। जाजू ने बताया कि वाटरमेन सिंह को इन झीलो की सभी समस्याओं से अवगत कराया जाएगा।