सत्संग से ही सांसारिक समस्याओं का समाधान: स्वामी भगत प्रकाश

0
160


भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी
प्रेमप्रकाश पंथ अमरापुर दरबार जयपुर के पंचम पीठाधीश्वर स्वामी भगत प्रकाश ने अपने दो दिवसीय प्रवास व संत-समागम के दूसरे दिन रविवार शाम की स्थानीय स्मृति वन के सामने स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम में भरियल भण्डारा तुहिंजा आहिन… सिक वारा था सब-कुछ पाइन… भजन से अपना प्रवचन शुरू कर उपस्थित श्रद्धालुओं से धर्म और अपने गुरू में ध्यान केंद्रित कर दिनचर्या में भी सत्कर्म करने को कहा। उन्होंने कहा कि धर्म में आस्था और निष्काम कर्म के बिना मनुष्य की मुक्ति सम्भव नहीं है। सभ में सिक सागी आ… जहिडी तो में आ तहिडी मूमें आ…
गाकर वातावरण को आध्यात्मिक कर दिया।
सिंधी समाज व सत्संग-समागम आयोजन समिति के प्रवक्ता मूलचन्द बहरवानी ने बताया कि
स्वामी भगत प्रकाश जी से पूर्व उनके साथ आई संत मण्डली के संत हरि ओम लाल, संत राजूराम, संत डालूराम, संत कमल, संत हरदासराम व संत झामनदास आदि ने भी सदगुरू स्वामी टेऊँ राम साहिब की स्तुति में कई भजन गाकर सभी श्रद्धालुओं को तालियां बजाने को विवश कर दिया।
संत मनोहर लाल ने
चओ राम हलन्दे-चलंदे…
ठाहे वठ भाग प्यारा मिलन्दो घनश्याम हलंदे-चलंदे…
भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को तालियां बजाने को प्रेरित कर दिया।
इस दौरान बालक हर्षल चंदवानी ने भी सतनाम साखी सतनाम साखी साईं टेऊँ राम गीत प्रस्तुत किया।
अंत में स्वामी जी, संत मण्डली व सभी श्रद्धालुओं ने सदगुरू स्वामी टेऊँराम जी महाराज की सामूहिक आरती कर पलव अरदास की गई।
सुबह स्वामी भगत प्रकाश जी ने कई श्रद्धालु दम्पत्तियों को नाम दान की बख्शीश की। स्वामी जी समापन ने सभी शेवाधारियों को पखर-प्रसाद वितरित कर आशीर्वाद भी दिया।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने स्वामी जी के प्रवास के उपलक्ष में जोरदार आतिशबाजी भी की।
इस दौरान इच्छापूर्णी माता मंदिर की पारी माता, परमानंद गुरनानी, मीना लिमानी, सतपाल गाँधी, अनामिका बहरवानी, चंद्र प्रकाश तुलस्यानी, राजू गुरनानी, लखमी चंद बतरा, राजेश गुरनानी, किशोर बहरवानी, इंदु बंसल, राजकुमार खुशलानी, किशोर लखवानी, आशीष चांदवानी, मीना लिमानी, चीजन भोजवानी, वर्षा रामचंदानी, ज्योति गुरनानी, मोहनलाल खानचंदानी, नवीन गुरनानी, निर्मल आहूजा, गोपाल नानकानी, निर्मला भोजवानी, आशु सामतानी, मोहन लुधानी, किशोर गुरनानी, जितेंद्र मोटवानी, पुरुषोत्तम परियानी, सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।