
भीलवाड़ा में 15 दिसम्बर से करेंगे श्रीमद भागवत कथा का वाचन
भीलवाड़ा। राष्ट्रीय युवा संत संतोष सागर महाराज का मूल ध्येय है युग परिवर्तनकारी ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता का प्रचार प्रसार करना। उनका मानना है कि गीता में जीवन का सार है ओर गीता हमे सफलता व शांतिपूर्वक जीना सिखाती है। श्रीमद् भागवत गीता संदेश का प्रचार प्रसार करने के लिए वह सनातन धर्म यात्रा निकाल रहे है। ये यात्रा इस वर्ष 2 अप्रेल को श्रीडूंगरगढ़ से रवाना हुई और इसका प्रथम पड़ाव बीकानेर रहा। यात्रा राजस्थान के 25 जिलों में से होने के बाद अब 15 दिसम्बर से भीलवाड़ा आ रही है। इसके तहत भीलवाड़ा में सनातन धर्म भागवत कथा समिति के तत्वावधान में 15 से 21 दिसम्बर तक शास्त्रीनगर में सूर्यमहल के पास जाट भवन में प्रतिदिन दोपहर 1.30 से 5.30 बजे तक श्रीमद भागवत कथा का वाचन करेंगे। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधेश्याम सोमानी एवं उपाध्यक्ष कैलाश तापड़िया, राधाकिशन सोमानी एवं दामोदर सिंघी के अनुसार पूज्य संतोषसागर महाराज का एक वर्ष तक पूरे राजस्थान के 33 जिलों की यात्रा कर 5 लाख युवाओं से मिलकर उन्हें सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथों की जानकारी और निःशुल्क गीता प्रदान करने का संकल्प है। उनके सानिध्य में सनातन धर्म यात्रा के तहत स्कूलों में निःशुल्क गीता वितरण, प्रेरणादायी प्रवचन तथा श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ का आयोजन आदि होते है। आज का विद्यार्थी कॅरियर के प्रति सजग है वही वह संस्कारों के प्रति सजग बन जाए, यही इस सनातन धर्म यात्रा का मुख्य उद्ेश्य है। उनका लक्ष्य है कि वह सनातन धर्म यात्रा के दौरान कम से कम सवा लाख विद्यार्थियों को गीता पठन के लिए प्रेरित करेंगे। संस्कार निर्माण के इस आयोजन में युवाओं के साथ अधिक से अधिक संवाद स्थापित करने का प्रयास किया जाता है।